गोरा के संग ओ भोले बाबा

गोरा के संग ओ भोले बाबा बैठे है पर्वत पे लगते है प्यारे,
कैसी अलोकिक है उनकी जोड़ी उनका बने जो भी उनको निहारे,
गंगा माँ बेहती है उनकी जटा से चंदा को अपने मस्तक पे धारे,
कोई न जाने कया है उनकी माया जग में रहे पर वो जग में है न्यारे,

भगतो की नैया जो धोले भवर में भोले जी नैया भव से निकाले,
विष को पीते है दुनिया की खातिर गदन में लिपटे है विषधर भी काले,
शिव नाम सुंदर है शिव नाम सत्य शिव नाम से ही जगत में उजाले,
बन्दे भटक ता है क्यों तू भ्रम में शिव नाम का तू भी गुण गा ले,

डमरू की डम डम पायल की छम छम पवर्त के उपर लगी देखो भजने,
ठंडी पवन की बेहती है सर सर गिर गिर के देखो बादल गरज ते ,
शेरो पे बेठी है मैया भवानी
खुद भोले बाबा नंदी पे सजते बैठे है मस्ती में वो भांग पी के
वो खेल दुनिया में क्या क्या रचते,

जो उनको ध्याये वो खुशियाँ मनाते भगतो को मन चाहा वरदान देते,
मन में रहेगी कोई भी ना चिंता भगतो को सारा अज्ञान देते,
चरणों में होजा तू उनके समर्पित कर दूर वो सारा अभिमान देते ,
रशमी के संग देखो चाहे विसरियां कर उनका ही गुणगान लेते
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