माँ शक्तिदादी मन्त्र स्तुति

राजस्थानमरुप्रदेशजननीं कोटासरे राजितां
मानानामपितामहीं भगवतीं,लक्ष्मीमुपाध्यायजां
चामुण्डाऽड़्कसुशोभितां रविनिभां शक्तिं महायोगिनीम्
देवीं विप्रकुलात्मजां सुविमलां सेवेसतीमम्बिकाम्.

भावार्थ:-शार्दूलविक्रीडितम् छंद...
राजस्थान धोरों की धरती की जननी,
कोटासर नामक ग्राम में विराजित,
दादी माना नाम की भगवती,
उपाध्याय परिवार में जन्मी,
कुलदेवी चामुण्डा की गोद में सुशोभित,
सूर्य के समान तेज वाली शक्ति व महायोगिनी,ब्राह्मण कुल में उत्पन्न,
सभी दोषो से रहित सती अंबिका का मैं सेवन करता हूं..


शक्तिस्वरूपां धनबुद्धिदात्रीं ,
गौसेविकां त्वां च पितामहीं त्वाम्,
दूर्गांशमानां कुलसुंदरीं त्वां,
सतीस्वरूपां प्रणमामि नित्यं ,

भावार्थ:-इंद्रवज्रा छंद
शक्ति के स्वरुप वाली,
धन और बुद्धि की दात्री,
गायों की सेविका पितामही (दादी),
मां दुर्गा के अंश माना देवी,
कुल की सुंदरी और सती स्वरुपा मां को मै नित्य प्रणाम करता हूं .

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