गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई

भोले तेरी भांग की घुटाई मार गई
गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई

पाडा मत लान की सुप्लाई मार गी
मने तेरी रोज की लड़ाई मार गई

रहे नशे में टली वैरी काडा होता आवे
श्म्शाना में राख मिले रे गिरम कीड़े पे आवे
तेरी गेल्या रोज की भकाई मार गई
गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई

इतनी अच्छी होती न पिया कर थोड़ी थोड़ी
काम करन की केहते ही बड जा माथे में तोड़ी
इतनी बारा सोटे की घुटाई मार गई
गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई

जब मारे तब खासी उठे मेरा जी गबरावे,
आरे चिलम तबाकू की ये बाजे न्यारा ये रंग छावे,
तेरी लांबी लांबी साफी दुलाई मार गी
गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई

ना मनया तू छोड़ नाथ में मैं चाली जा गी तने
इक दिन तो यो होना हे था भीरा थारे मन में
राजू नैया सरवन की लिखाई मार गी
गोरा तेरी रोज की लड़ाई मार गई
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