चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई

चाहत तेरी श्याम चाहत तेरी
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई
बिन तेरे जिंदगानी तडपन बन गई
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई

ठंडी हवाए तेरी याद लेके आये
चांदनी आ कर मेरे तन को जलाए
हर पल इक नई श्याम उल्जन बन गई
बिन तेरे जिंदगानी तडपन बन गई
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई

बचने की मेरी कोई आस नही है
जिन्दा हु लेकिन तन में सास नही है
तन की ही सांसे अब दुश्मन बन गई
बिन तेरे जिंदगानी तडपन बन गई
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई

आखे बरस रही तेरे इन्तजार में.
क्या से क्या हो गई हु मैं तेरे प्यार में
पागल जैसी मेरी श्याम हालत बन गई
बिन तेरे जिंदगानी तडपन बन गई
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई

और न तडपा तू जल्दी से आजा
शर्मा को अपनी आके सूरत दिखा जा
बेचैनी श्याम अब घुटन सी बन गई
बिन तेरे जिंदगानी तडपन बन गई
चाहत तेरी श्याम वैरण बन गई
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