ग्यारस की यादें

ओ श्याम तुम्हारे भक्तों पे करो गौर ना
खाटू का मंदिर जल्दी बाबा खोलना
ना रह पाएंगे हम खाटू आये बिना
आये बिना ... आये बिना ..

ओ श्याम तुम्हारे भक्तों पे करो गौर ना
खाटू का मंदिर जल्दी बाबा खोलना


याद आती है वो यादें
वो ग्यारस की थी रातें
खाटू में मौज उड़ाते
और कड़ी कचौड़ी खाते

फिर कीर्तन में भजनों में हम खो जाते थे
खो जाते थे . . खो जाते थे

ओ श्याम तुम्हारे भक्तों पे करो गौर ना
खाटू का मंदिर जल्दी बाबा खोलना


रींगस से ध्वजा उठाते
खाटू मंदिर में चढ़ाते
बाबा के दर्शन पाकर
हम मन्द मन्द मुस्काते

बालाजी की भी करते हम प्रणाम थे  
हाँ ! प्रणाम थे .. प्रणाम थे

ओ श्याम तुम्हारे भक्तों पे करो गौर ना
खाटू का मंदिर जल्दी बाबा खोलना

वो लंबी लंबी कतारें
जयकारों की हों बोछारें
फिर श्याम लाड़ली के संग
हम श्याम बंदना पुकारें

खाटू वाले के लगाते हम जयकारें थे
जयकारें थे ... जयकारें थे ...

ओ श्याम तुम्हारे भक्तों पे करो गौर ना
खाटू का मंदिर जल्दी बाबा खोलना

Singer & Lyrics : Itisha Goyal
Presented By : Shyam Chaakri
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