आजा नंद के दुलारे रोवे अकेली मीरा

आजा नंद के दुलारे, रोवे अकेली मीरा

बालक सी न ब्याह करवाया, तेरे संग मैं ब्याही हो..हो..
पिहर छोड़ सासरे आगी, लदी कुलक शाही हो..हो..
धोवे अकेली मीरा, आजा नंद के दुलारे हो..हो..॥

रोम रोम मे रमैया होया से, नही रोम ते न्यारा हो
दुष्टों का संघार करेया, बन्यां भक्तो का तू प्यारा हो..
जंग जोवे अकेली मीरा, आजा नंद के दुलारे हो..हो..॥

आदम देह के चोले के संग, दूत रहें सयम के हो.. हो..
सतरंग सेज बिछा राखी से, लगे गाळीचे गम के हो..हो.. ॥
सोवे अकेली मीरा, आजा नंद के दुलारे हो..हो..॥

‘माँगेराम’ राम ने टोहेवे, कोन्यों पाया दर पे हो..हो..
‘लख़मिचंद’ सुरग मे जालिये, फेर भी बोझा सिर पे हो..हो..॥
ढोवे अकेली मीरा, आजा नंद के दुलारे हो..हो..॥

Lyrics: Lt Pandit Sh. Mange Ram Sangi Ji, Panchi, Haryana
Lead Singer: Vidhi Deshwal
Chorus: Rinku, Muskan, Manisha, Sheetal, Isha
Music: Sh. Somesh Jangra ji, Hisar, Haryana
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