मुझे ब्रिज जाना वही बस जाना है

मुझे वृन्दावन जाना वही बस जाना है ,
ये बचा हुआ जीवन वही पे बिताना है
मुझे ब्रिज जाना वही बस जाना है ,

जन्मो से भटका है मन ये माया ने भटकाया है,
कुञ्ज की उन गलियां का नजारा मेरे मन को भाया है,
इस चंचल मन का चैन वही पे पाना है,
मुझे ब्रिज जाना वही बस जाना है ,

सारे सपने सच कर लूंगा वृन्दावन में जा कर मैं
सेवा करके रसिक जनो की बन जाऊँगा चाकर मैं
ना इस से बड़ा उपहार ये मैंने माना है,
मुझे ब्रिज जाना वही बस जाना है ,

ब्रिज की माटी माथे पर हो माटी पे मैं सो जाऊ,
सेवा करते करते इक दिन माटी में मैं खो जाऊ,
उस भगति को मीतू संग ले जाना है,
मुझे ब्रिज जाना वही बस जाना है ,
श्रेणी
download bhajan lyrics (598 downloads)