सावरिया चित चोर ने वाले प्रेम नगर के राजा

सांवरिया चितचोर ने वाले प्रेम नगर के राजा
रस के भरे अथात  समंदर एक ही बूंद प्लाजा

सांवरिया चितचोर ने वाले प्रेम नगर के राजा
रस के भरे अथात  समंदर एक ही बूंद प्लाजा
पागल कर दे मन की वीणा ऐसी तान  सुनाजा
मैं  भाऊ ना भाऊ तुझको तू तो मुझको भाजा

राधे अपने अमर प्रेम की एक बूंद जल का दो
सांवरिया से मेरे मिलन की दो बातें करवा दो
विरह वेदना से टूटी इन तारों को चमका दो
तारों को चमका दो स्वामनी उन्मत नाच नचा दो

सांवरिया चितचोर ने वाले प्रेम नगर के राजा
रस के भरे अथात  समंदर एक ही बूंद प्लाजा
चंचल कर दे मन की वीणा ऐसी तान  सुनाजा
मैं भाऊ ना भाऊ तुझको तू तो मुझको भाजा

भजन गायक अहिंसा दूत श्री नवल किशोर जी महाराज
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