मुझे जाना साई के देश रे

मुझे जाना साई के देश रे,
कर जोगन वाला वेश रे,
मुझे जाना साई के देश रे

प्रेम में अखियाँ बरस रही है ,
उन से मिलन को तरस रही है,
उन्हें देना ये सन्देश रे,
मुझे जाना साई के देश रे

मैं तो हु विपदा की मारी,
भटक रही है इक दुखयारी,
मेरे खुले पड़े है केश रे,
मुझे जाना साई के देश रे

तरसु पल पल आवे कल न,
कब होगा मेरा साईं से मिलना,
मेरे दिल पे लगे है ठेस रे ,
मुझे जाना साई के देश रे

नींद न आई चैन न आया,
नागर के कल सपने में आया,
वो शिर्डी का दरवेश रे,
मुझे जाना साई के देश रे
श्रेणी
download bhajan lyrics (559 downloads)