चोसठ जोगिनी रे देवी रे देवळिये रमजाय

चोसठ जोगिनी रे देवी रे देवळिये रमजाय
घूमर घालनी रे देवी रे देवळिये रमजाय

हंस सवारी कर जगदंबा  ब्रम्हाळ रूप बनायो
चार वेद मुख चार कहिजे, चार वेद जस गायो ||१|| घूमर

गरुड़ सवारी कर जगदंबा विष्णु रूप बनायो
गदा पदम संग चक्र बिराजे, मधुबन रास रचायो || घूमर

बैल सवारी चढ़ जगदंबा शिवजी रूप बनायो
जटा मुकुट मै गंगा बिराजे. शेष नाग लीपटायो || घूमर

सिह सवारी कर जगदंबा शक्ति रूप बनायो
सियाराम जी करे हे स्तुति, भक्त मंडल जस गायो || घूमर
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