सुमिरन श्री राधा का

सुमिरन श्री राधा का,
हल है हर बाधा का
भज मन मेरे कट जायगे संकट तेरे....

लाख बादल हो गम के घनेरे
छाए हो जिंदगी में अँधेरे
बादल छट जायगे अँधेरे हट जायगे होंगे सवेरे.
कट जायगे.....

राधा नाम की महिमा है भारी
यूही जपति नहीं दुनिया सारी
ज्ञान मन में भरे सत को रोशन करे हरले अँधेरे
कट जायगे...

नाम जपने से रसना हो पावन
फूलो जैसे महकेगा ही जीवन
पहले हर सु सुजान हो आनंद ही आनंद  मन मेरे.
कट जायगे...

सच्चा सुख है श्री राधा चरण में
करदे दुःख को समर्पित शरण में.
करम सुधर जायगे भाग्य सवर जायगे लाख तेरे
कट जायगे.

रचना-किशोरी प्रिया दीदी आरती शर्मा
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