माँ का मन में ध्यान धरो

जब भी शुरू कोई काम करो,
माँ का मन में ध्यान धरो,
जो चाहोगे जो पाओगे ऐसा सुबहो शाम करे,

कांटे बिछे जो राहो में छाले पड़े जा पाओ में,
न रुकना कभी न जुकना कभी न कभी छलना दावों में,
माँ की दुआ जो साथ हो हिमत से सब काम करो,
जो चाहोगे जो पाओगे ऐसा सुबहो शाम करे,

पा कर ख़ुशी के सुनहरे पल माँ के मन को न देना छल,
जग में जैसा कर्म करोगे पाओ गे तुम वैसा फल,
माँ के मन को सुख देकर फिर जाके आराम करो ,
जो चाहोगे जो पाओगे ऐसा सुबहो शाम करे,

सुध नहीं जिस प्रेम में नीला वो अस्काश माँ,
दे तन्हाई में साथ माँ तेरी विधि की प्रकाश माँ,
माँ से बड़ा न कोई है उनका तुम समान करो,
जो चाहोगे जो पाओगे ऐसा सुबहो शाम करे,
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