क्यों मांगे झूठे जग से

क्यों मांगे झूठे जग से दुनिया में लोगो सब से,
सब कुछ भगतो मिलता खाटू दरबार में,
मेरा शयाम  धनि मतवाला हे सब का खाटू वाला,
सब कुछ भगतो मिलता खाटू दरबार में,

अद्भुत है शीश का दानी ये सबका वरदानी,
है तीन वां का धारी महिमा सब ने पहचानी,
हारे का श्याम सहारा है सब का पालन हारा,
पत्थर पारस बनता खाटू दरबार में,
सब कुछ भगतो मिलता खाटू दरबार में,

सब की किस्मत की चाभी मेरे सांवरियां ने थामी,
सब कुछ छोड़ के बंदे तू करले इनकी गुलामी,
तू थाम ले इनका पल्ला जब श्याम ने खोल गल्ला,
पल में दामन भरता खाटू दरबार में,
सब कुछ भगतो मिलता खाटू दरबार में,

जिस पर भी किरपा करदे पल में झोली ये भर दे,
संजू घनश्याम दीवाने तू मांग ने इनके दर से,
शर्मा तू शीश जुका ले तू इनकी किरपा पा ले,
किरपा की है वरसात खाटू दरबार  में,
सब कुछ भगतो मिलता खाटू दरबार में,
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