रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ

रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ,
जुक देखन आया अम्बर नाचे मोरा सांवरियां,
रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ,

माटी कंचन बनती जाए,
मोहन चरण जो लागे,
नन्द वन की पाती भक्ति नूपुर बन शन बाजे,
घणां घन ताल भजाये उमड़ के आये बादरियाँ,
जुक देखन आया अम्बर नाचे मोरा सांवरियां,
रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ,

राग ऋतू ने ऐसा गाया नव का सुन के विदंग,
तीनो लोक सिमट यमुना तट देखत गिरिधर रंग,
वरखा के मोती पग चूमे वन वन जाये पैजनियां,
जुक देखन आया अम्बर नाचे मोरा सांवरियां,
रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ,

महा पर्व रचाया भव में लीला अजब दिखाई,
गोदन मोर पपीहे कोयल नाचे संग कन्हाई,
ऐसी अध्भुत तान सुनाये मुरलीधर की बांसुरियां,
जुक देखन आया अम्बर नाचे मोरा सांवरियां,
रिम झिम रिम झिम मेगा बरसे गीत सुनाये कोयालियाँ,
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