इज़्ज़त की भीख दीजिये

इस जिन्दगी में चाहे कुछ भी न चीज कीजिये,
कुछ भी नही चाहू साईं इज्जत की भीख दीजिये,
ओरो का दिल जो जीते मुझे एसी जीत दीजिये,
कुछ भी नही चाहू साईं  इज़्ज़त की भीख दीजिये

रिश्तो का वेला साईं मुझको नही गवारा,
नाथो का क्या है करना जब दे रहे सहारा,
दुनिया में लोग साईं मिलते है लाखो,
लेकिन कोई किसी का दिल से होता नही है प्यारा,
सुख दुःख जो बांटे एसा बस इक मीत कीजिये,
कुछ भी नही चाहू साईं  इज़्ज़त की भीख दीजिये

दोलत न चाहू साईं शोरत ना चाहू साईं,
नादान दिल की को हसरत ना चाहू साईं,
ओरो का दिल दुखा कर आये जो घर में वरकत,
मैं अपने घर में एसी बरकत न चाहू साईं,
ओरो का दिल दुखाऊ एसा न नीच कीजिए,
कुछ भी नही चाहू साईं  इज़्ज़त की भीख दीजिये

बाबा अपने जो दियां जन्म सफल बनाओ,
भूले से भी कभी न निचे इन्हें दिखाओ,
हर कर्म दुनिया में मिलते है लोग साईं,
दुष्कर्म को छोडू सब सत कर्म को अपनाऊ,
ऐसा ये मन बना दो एसी ही सीख दीजिये,
कुछ भी नही चाहू साईं  इज़्ज़त की भीख दीजिये

आशिष दो कभी न साईं जी तुम्हे बुलाऊ,
हर वक़्त हर घड़ी मैं तेरे आगे सिर जुकाऊ,
कर्मो का लेखा अपना साईं बनाऊ एसा मुझे लोग याद रखे जब मैं यहा से जाऊ,
जिसे लोग गुण गुनाये मुझे ऐसा गीत कीजिये,
कुछ भी नही चाहू साईं  इज़्ज़त की भीख दीजिये
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