मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो

मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो,
ये चित्रगुप्त महाराज के दर पे शीश निभाये हो,
मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो,

चित्रगुप्त महाराज की भगति जे करे श्रद्धा भाव से,
भटक सके न न्यू कर जिंदगी कब नूरे भटकाव से,
विद्या बुद्धि के सागर सेवक बन जाए हो,
मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो,

विनय बिहारी अनुजा नारी पा गई  पा वरदान हो,
चित्रगुप्त महाराज की महिमा बड़ी जग में महान हो,
भाग्ये की रेखा चमकी कीर्ति लहराई हो,
मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो,
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