जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है

जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है,
बाकी यहां की हर शेह झूठी नाम साई का सच्चा है,
जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है,

जैसे भी जिस हाल में रखे करते शुक्र है साई का,
सब का भला बुरा वो सोचे मालिक सारी खुदाई का ,
सब से सच्चा साई से रिश्ता जग से नाता कच्चा है,
बाकी यहां की हर शेह झूठी नाम साई का सच्चा है,
जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है,

खुशिया गम सब खेल उसी के सुख दुःख उसकी माया है,
फूल और कांटे दोनों में ही हमने साई को पाया है,
अपनी नजरो में साई का रुतबा सब से उचा है,
बाकी यहां की हर शेह झूठी नाम साई का सच्चा है,
जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है,

सिर माथे पर हुकम है उसका कोई सिकवा कोई गिला नहीं,
कभी थोड़ा कभी ज्यादा पाया फिर भी क्या कुछ मिला नहीं,
उसकी सोच समज दो पुख्ता अपनी सोच बच्चा है.
बाकी यहां की हर शेह झूठी नाम साई का सच्चा है,
जिस रंग में येह रखे साई वो तो रंग अच्छा है,
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