झुँझन वाली ने मैं आज पहनावा गजरो

झुँझन वाली ने मैं आज पहनावा गजरो,
पहरावा गजरो जी पहरावा गजरो,
झुँझन वाली ने...

चुन चुन कलियाँ भागा से मैं फुलवा तोड़ के लाया रे,
जे ऋ घोटो बांकड़ो गट हार बनाया रे,
झुँझन वाली ने....

यो अलबेलो गजरो महारी दादी के गल सोहे लो,
कोई भगता को मनड़ो गजरो घणो मोहे लो,
झुँझन वाली ने.......

ब्रह्मा विष्णु शंकर थारे गजरे माहि समाया रे,
सूरज चंदा तारा भी देखन ने आया रे,
झुँझन वाली ने

ई गजरे की शान निराली जाने दुनिया सारी रे,
नाच कूद कर मैं तो आज खुद रिजावा रे,
झुँझन वाली ने
download bhajan lyrics (713 downloads)