मेरी सौतन बनगई रे

मेरी सौतन बनगई रे बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी ,
अगर तुम ना सुनोगे श्याम कौन सुनेगा विनती मेरी,
मेरी सौतन बन गई रे बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी,

बैरन को होठों से लगाए,
फिरते हो तुम गैयाँ चराए
बन नाग से लड़ गई रे
बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी

मुझ संग तुम ना हंस कर बोलो
मुरली बजावत नैन खोलो
मेरे पीछे ही पड़ गई रे
बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी

यमुना तट और मुरली तेरी
ना जानो तुम हालत मेरी
रे मैं जीते जी मर गई रे
बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी

मर गई मैं चिंता के मारे
कहां से आ गई बीच हमारे
मुझे खा ये फिकर गई रे
बांसुरी तेरी बांसुरी तेरी
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