खाटू के श्याम धणी की महिमा अपार है

खाटू के श्याम धणी की महिमा अपार है
जो माँगना है सो माँगो,सच्चा दरबार है

कलयुग में हारो का तो,जीना मुहाल है
जीना मुहाल है,
इस झूठे जग में ये ही,रखता ख्याल है
रखता ख्याल है,
बाबा की शरण मे आके , हर मझधार पार है
जो माँगना है सो...

अँखियों के आँसुओ से,अब क्या करना गिला
अब क्या करना गिला,
मेरे साँवरे की भक्ति,देगी खुशियों से मिला
देगी खुशियों से मिला,
बाबा की कृपा से उजड़ा, चमन भी गुलज़ार है
जो माँगना है....

दरबार मे पावन ज्योत के,बड़े अजब नज़ारे है
बड़े अजब नज़ारे है,
दर पे आने वालों के चमके सितारे है
चमके सितारे है,
"रूबी रिधम" कहते ये, बड़ा दानी दातार है
जो माँगना है माँगो.
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