बुरे का बदला बुरा मिला है

बुरे का बदला बुरा मिला है मिला भले का यहाँ भला,
करनी का फल भरने सदमा सखा कृष्ण से मिलने चला,

कैसे कृष्ण के संग में की थी सखा सदमा ने चतुराई,
खा के अपना भोज चुप के से कृष्ण भोज खाया भाई,
इसी कपट के कारण निर्धन बन के करते भरपाई,
कभी कपट नहीं करो किसी संग गुरु जनो की यही सलाह,
करनी का फल भरने सदमा सखा कृष्ण से मिलने चला,

पहुंचे द्वारिका मिले कृष्ण से कह न पाए दिल का हाल,
कैसे कह दे मित्र से अपने निर्धनता से है बेहाल,
आकर सुदामा कांच उड़ा किया उन्हें भगवान ने निहाल,
करनी का फल हुआ बराबर तब भगवन ने किया भला,
करनी का फल भरने सदमा सखा कृष्ण से मिलने चला,

सत्ये है भाइयाँ बुरी है बुराई चाहे हो अधिक यह थोड़ी,
भरना पड़े गा करनी का फल बहुत नहीं तो हो थोड़ी,
दिल से कपट मित्र से चोरी यह हो निर्धन या कोई ही,
तेरे कर्म का लेखा जोखा जाएगा न कभी टला,
करनी का फल भरने सदमा सखा कृष्ण से मिलने चला,
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