इक लोटा जल शिव को चढ़ा

जो सुख मिलता काशी जाके,
जो फल मिलता गंगा नहा के,
वो घर बैठे पाओगे
इक लोटा जल शिव को चढ़ा जो शिव का ध्यान लगाओ गे,
ॐ नमः शिवाये

सारे जग को तारने वाले शिव शंकर अविनाशी,
भक्तो की हर पीड़ा हरते शम्भू घट घट वासी ,
भव सागर से पार करेगे सब का ये उधार करेंगे,
मन चाहा फल पाओगे,
इक लोटा जल शिव को चढ़ा जो शिव का ध्यान लगाओ गे,

देवो के भी देव कहलाते सब के ही भण्डार भरे,
जो भी आये शरण में इनकी पल में बेडा पार करे,
खुशियों से झोली भर देंगे तुझको मुँह माँगा वर देंगे दुखो से मुकति पाओगे,
इक लोटा जल शिव को चढ़ा जो शिव का ध्यान लगाओ गे,

गंगा जल और वेळ पत्र से शम्भू खुश हो जाते,
आपने भगतो पे गंगाधर सदा किरपा बरसाते,
तर जायेगी सात पीडियां चढ़ लोगे मुक्ति की सीढियाँ अभी जो शिव से लाओ गे
इक लोटा जल शिव को चढ़ा जो शिव का ध्यान लगाओ गे,
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