चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले

चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,
शिव वारे न्यारे कर देंगे तेरा घर खुशियों से कर देंगे,
भर ले तू गंगा जल ला कर शिव भोले पे चढ़ा ले,
चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,

शिव वरदानी महादेव न शिव सा कोई दाता है,
कभी न खाली लौटा वो जो इनकी शरण में आता है,
हर मुश्किल हो आसान मेरा भोला पार निकाले,
चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,

भरे हुए भण्डार है शिव के ये भोला भंडारी है,
इक हाथ में डमरू भाजे नंदी की असवारी है,
ये नील कंठ बाबा इनके गले में नाग विराजे,
चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,

चल हरिद्वार चल वेद नाथ हर जगह पे भोला बैठा है,
कंकर कंकर में शिव शंकर जिसने चाहा देखा है,
ये कालो का महाकाल बाबा जिसको चाहे बचा ले,
चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,

लगी है बस्मी तन पर शिव के जटा में गंगा बहती है,
अरे गोदी में गणपति विराजे पार्वती संग रहती है,
फिर इक बार चल कर तू चरणों में शीश जुका ले,
चल चल रे कावड़ियाँ कावड़ कंधे पे उठा ले,
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