प्रभु राम मेरे घर

प्रभु राम मेरे घर आयंगे आयंगे प्रभु आयंगे,
श्री राम मेरे घर आयंगे आयंगे प्रभु आयंगे,
प्रभु के दर्शन की आस है और भिलनी को विश्वाश है,
प्रभु राम मेरे घर .........

भीलनी रस्ता रोज बुहार रही खड़ी खड़ी वो राह निहार रही,
मन में हो के मगन भीलनी को ये आस है और मन में भरा विश्वाश है,
प्रभु राम मेरे घर .........

ना जानू मैं पूजा की कोई रीत क्या सोचेगे मेरे मन की मीत,
शरमा रही गबरा रही वो बोली सी इक नार है प्रभु को भोलो से प्यार है,
प्रभु राम मेरे घर .........

चुन चुन लाइ खट्टे मीठे वेर आने में क्यों करदी प्रभु जी देर,
प्रभु आ रहे मुस्रा रहे प्रभु के चरनन में गिर पड़ी और अशुवन की लाभी चडी,
प्रभु राम मेरे घर .........

अंसुवन से धोये प्रभु जी पैर चख चख कर खिला रही थी वेर,
प्रभु खा रहे मुस्का रहे इक प्रेम के वश में राम है और प्रेम का ही परनाम है,
प्रभु राम मेरे घर .........

प्रभु की खातिर अटक रहे थे प्राण मुक्ति देदो मुझे किरपा निधान,
लेलो शरण अपने चरण शबरी से बोले राम है जा खुला तेरे लिये धाम है,
प्रभु राम मेरे घर .........
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