हनुमत डटे रहो आसन पर

हनुमत डटे रहो आसन पर
जब तक कथा राम की होय

माथे इनके मुकुट विराजे
कानन कुंडल सोहे
एक काँधे पर राम विराजे
दूजे लक्ष्मण होय........

एक काँधे पर मुगदर सोहे
दूजे परवत होय  
लड्डुअन का तेरो भोग लगत है
हाथ पसारे लोग ........

तुलसीदास आस रघुवर की
हरि चरनन चित होय
अंग तुम्हारे चोला सोहे
लाल लंगोटा होय.......
download bhajan lyrics (1113 downloads)