बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु

बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु आज आकर भुलाना ये ठीक नहीं,
हु तेरा ही तो मैं तू मेरा है प्रभु आज आँखे चुराना ये ठीक नहीं,
बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु.......................

तू तो जाने के दास कमजोर है तेरा द्वारे खड़ा कर जोड़ है,
फिर भी तू करता क्यों न दया की नजर,
तेरे होते फिरू मारा मारा प्रभु देख इतना रुलाना तो ठीक नहीं,
हु तेरा ही तो मैं तू मेरा है प्रभु आज आँखे चुराना ये ठीक नहीं,
बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु.......................

तेरी लीला है क्या मेरा संवारा बैठा दर पे निहारे तेरा वनवारा,
ये बता तू कहा देखता है किधर,
दिल की मजबूरिया है बता न प्रभु रोज करना बहाना ये ठीक नहीं,
हु तेरा ही तो मैं तू मेरा है प्रभु आज आँखे चुराना ये ठीक नहीं,
बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु.......................

तेरे हाथो में जीवन की डोर है,
ध्यान तेरा क्यों नहीं मेरी और है,
हु परेशान मैं आजा तू एक बार,
दास की भी विनती न भुलाना प्रभु,
ये ज़माना हसाना तो ठीक नहीं,
हु तेरा ही तो मैं तू मेरा है प्रभु आज आँखे चुराना ये ठीक नहीं,
बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु.......................

है पता की तू आये मेरे सँवारे,
दीन दुखियो को है तेरी छाव रे,
है भरोसा तेरा साथ तेरा रहे,
अब तेरे बिन रहे देवीकी न प्रभु न लगाया गले से तो ठीक नहीं,
हु तेरा ही तो मैं तू मेरा है प्रभु आज आँखे चुराना ये ठीक नहीं,
बचपन से तुझे मैंने माना प्रभु.......................

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