teri god me gokul hai baaho me barsana meri man to yahi chahe khatu me bas jana
तेरी गोद में गोकुल है बाहों में बरसना,
मेरा दिल तो यही चाहे खाटू में बस जाना,
हरिदवार सा द्वार तेरा आंगन में अयोध्या है,
परिसर है प्राग तेरा तो प्राग भला क्या है,
काशी सा है कक्ष तेरा मंडप मथुरा माना,
मेरा दिल तो यही चाहे ..........
मैंने दुनिया की दोलत तेरे द्वार से पाई है,
चारो धमो की छटा खाटू में समाई है,
अब पाके दरस तेरा जग से हुआ बेगाना,
मेरा दिल तो यही चाहे.......
मैं दवार पड़ा आके मुझे आके उठा लो श्याम,
मैं हार गया जग से मुझे गले लग लो श्याम,
कोशिक को दो बाबा चरणों में अश्याना,
मेरा दिल तो यही चाहे.............