रघुकुल नंदन मुक्ति बन्धन

रघुकुल नंदन मुक्ति बन्धन,
सत सत नमन करूँ अभिनंदन,
कौशल्या सुत श्री राम को,
न्यौछावर तन मन धन....

प्रगट भय जब दीनदयाला,
कौशल्या हियँ हर्ष भारी,
दसरथ कैकई सुमित्रा हर्षे,
अयोध्या भई पुलकित सारी,
विष्णु का अवतरण देखत,
हर्षे गौरी संग त्रिपुरारी,
नभचर किन्नर देवगण सब,
कीजे रामनवमी का वंदन….

बाल काल मे सर्व बिद्या,
राम गुरु वशिष्ठ से पाये,
सिया संग विवाह बंधन,
धनुष खण्डन से पाये,
पितुमात का मान रखके,
चौदह वर्ष बनवास आये,
रामन के संहार करके,
सिय का मुक्त किया बंधन …..
download bhajan lyrics (388 downloads)