पूरण काज भगत का सार जय हो जगदम्बे माई

पूरण काज भगत का सार
जय हो जगदम्बे माई
जगदम्बे माई तेरी जय हो जगदम्बे माई
जगदम्बे माई तेरी जय हो जगदम्बे माई
पूरण काज भगत का सार
जय हो जगदम्बे माई
पूरण काज भगत का सार
जय हो जगदम्बे माई


स्वाप नगर में जनम होयो माँ सन चोदह माहि
देबो जी संग फेरा लीन्हा साखी मै परणायी
पूरण काज भगत का सार..

बिजली ज्यूँ थारी साडी चमके कोरां पर छायी
सूरज सामी बण्यो देवरों लाल ध्वजा फहराई
पूरण काज भगत का सार..

गंगासिंह ने गोरा लेग्या परदेशा माहि
राजन अपना जोर दिखावो सिंह से करो लड़ाई
पूरण काज भगत का सार..

गंगासिंह ने करुणा किन्ही लाज राख माई
आज मलेछा घात विचारी तू मेरी लाज बचाई
पूरण काज भगत का सार..

सिंह भूप का मडया अखाड़ा भारत के माही
पेली खान्डो दुर्गा मारयो सिंह की नाड उड़ाई
पूरण काज भगत का सार..

गंगासिंह की करुणा सुनके लागी खाताही
चील होयके चली भवानी पलका मै  आई
पूरण काज भगत का सार..

गंगासिंह की जीत कराकर बिकाणे आयी
देशनोक मै बण्यो देवरो पूजा करवाई
पूरण काज भगत का सार..

भूल चूक की माफ़ी दीज्यो गलती है सा ही
"चिमनो" अरज करे दुर्गा से रामो पीर मिलाई
पूरण काज भगत का सार..
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