जेह्डा तार हरी दे नाल जोड़े ऐसा कोई संत मिले

ऐसा कोई संत मिले,
जेह्डा तार हरी दे नाल जोड़े ।
मेरे मन दा रस्ता मोड़े,
ऐसा कोई संत मिले  ॥

संत दर्श दा बड़ा महातम,
दुर्लभ कल विच संत समागम ।
जेह्डा सुतेआ नू आ के झंझोड़े,
ऐसा कोई संत मिले ॥

ऐसा कोई उपदेश सुनावे,
सुनके मनवा अमल कमावे ।
मन इधर उधर मत ढोले,
ऐसा कोई संत मिले ॥

दाता ऐसा कोई संत मिलादे,
जेह्डा ऐसी लगन लगावे ।
मन नाम जापान नहीं छोड़े,
ऐसा कोई संत मिले ॥
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