जग घूमेया थारे जैसा न कोई

ना वो रामभक्ति कहीं
ना वो रामदीवाना कहीं
कहीं राममय बातें भी ना
ना वो रामकहानी कहीं

जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई

ना तो लाल लाल चोला कहीं
ना तो संकट मोचन कहीं
ना वो वीर कथाएँ देखीं
ना वो लंका जलाना कहीं
जैसा तू है वैसा रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई

रामजी के चर्नो की माटी है निराली तू
शिवजी की रुद्ररूपी शक्ति बलशाली तू
भक्तों का ढाल भी है
दुश्टों का काल है
रामजी के कामों को
पल मे संभाले तू

ना वो पर्वत उठाना कहीं
ना वो लखन जिलाना कहीं
कभी रामजी के रंग मे
सिन्दूर लगाना कहीं
जैसा तू है वैसा रहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई

सबकी मुसीबतों में
सबकी पुकार में
सुख और दुख वाले
सारे हालातों में

साथ तेरे रहना है
साथ तेरे रहना है
तेरे साथ रहना
दीपक को तो बस
आए ये कहना

तेरी मिलती भक्ति यहीं
तेरी मिलती शक्ति यहीं
तेरे चरणो की धूलि से
तक़दीर संवरती यहीं
वहीं मिलता जो है कहना
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई
जग घूमेया थारे जैसा ना कोई

– कुंवर दीपक (8700018045)
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