दरबार हजारो है, ऐसा दरबार कहाँ,

दरबार हजारो है, ऐसा दरबार कहाँ,
जो श्याम से मिलता है ,कहो मिलता प्यार कहाँ
दरबार हजारो है ....

जो आश लगाकर के दरबार में आता है,
खाली झोली आता ,भर कर ले जाता है,
मांगे से जो मिल जाये ,ऐसा भंडार कान्हा,
दरबार हजारो है......

सब के मन की बाते, बड़े ध्यान से सुनता है,
फरियाद सुने बाबा और पूरी करता है,
जंहा सबकी सुनाई हो ऐसी सरकार कहाँ,
दरबार हजारो है...

कोई प्रेमी बाबा का जब हम को मिल जाये,
सब रिस्तो से बढ़कर एक रिस्ता बन जाये,
यह श्याम धनि का है, ऐसा परिवार कहाँ,
दरबार हजारो है....

बिन्नू ने जो चाहा दरबार से पाया है,
यह ही अपना सब कुछ है,संसार पराया है,
इसे छोड़ मेरा सपना,होगा साकार कहाँ,
दरबार हजारो...
download bhajan lyrics (1177 downloads)