श्यामा श्याम सलोनी सूरत

श्यामा श्याम सलोनी सूरत पे सिंगार बसंती है,
सिंगार बसंती है गले का हार बसंती है,

तन पर बाबा खूब सजा है चमक बसंती है,
गल मोतियन के हार पड़े है,चमक बसंती है,
श्यामा श्याम सलोनी सूरत ........

रतन जड़ित शिनगासन सोहे शान बसंती है,
सांचो नाम चुकावे बाबा दरवार बसंती है,
श्यामा श्याम सलोनी सूरत .......................

फागुन माह से सुनेहरी सुन्दर साज बसंती है
सब के रकसक प्रभु आप हो राग बसंती है,
श्यामा श्याम सलोनी सूरत ............

श्याम सुन्दर और युगल चरणों की मांग बसंती है,
मात्रिद पे दया श्याम की आज बसंती है
श्यामा श्याम सलोनी सूरत ....
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