जीवन खत्म हुआ तो जीने का ढंग आया

जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया

गाडी निकल गयी तो, घर से चला मुसाफिर
मायूस हाथ मलता वापिस बैरंग आया

मन की मशीनरी ने जब ठीक चलना सीखा
तब बूढ़े तन के हर इक पुर्जे में जंग आया

फुर्सत के वक़्त में ना सुमिरन का वक़्त निकला
उस वक़्त वक़्त माँगा जब वक़्त तंग आया

आयु ने नत्था सिंह जब हथियार फेंक डाले
यमराज फ़ौज लेकर करने को यंग आया

कवि : नत्था सिंह
स्वर : श्री प्रेम भूषन जी महाराज
download bhajan lyrics (2363 downloads)